Tuesday, March 30, 2010
हमें तो अपनों ने लूटा,गैरों में कहाँ दम था.मेरी हड्डी वहाँ टूटी,जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला,उसका पेट्रोल ख़त्म था.मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया,क्योंकि उसका किराया कम था.मुझे डॉक्टरों ने उठाया,नर्सों में कहाँ दम था.मुझे जिस बेड पर लेटाया,उसके नीचे बम था.मुझे तो बम से उड़ाया,गोली में कहाँ दम था.और मुझे सड़क में दफनाया,क्योंकि कब्रिस्तान में फंक्शन थानैनो मे बसे है ज़रा याद रखना,अगर काम पड़े तो याद करना,मुझे तो आदत है आपको याद करने की,अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.......ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते हैकभी दूर तो कभी क़रीब होते हैदर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते हैऔर दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है .......एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर happy frdship week,,,,enjoy and feel the frdship
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