शराबी - मैं बड़ा, व्यक्ति - भाई साहब आप कैसे बड़े ? आपसे बड़ा तो भगवान् है, शराबी - भगवान् बड़ा तो मंदिर में क्यों पड़ा ? व्यक्ति - अच्छा मंदिर बड़ा, शराबी - मंदिर बड़ा तो धरती पे क्यों पड़ा ? व्यक्ति - अच्छा धरती बड़ी, शराबी - धरती बड़ी तो शेषनाग क फन पर क्यों पड़ी ? व्यक्ति - अच्छा शेषनाग बड़े शराबी - शेषनाग बड़े तो शिवजी के गले में क्यों पड़े ? व्यक्ति - अच्छा शिवजी बड़े, शराबी -अच्छा शिवजी बड़े तो पर्वत पर क्यों पड़े? व्यक्ति - अच्छा पर्वत बड़ा, शराबी - पर्वत बड़ा तो हनुमान जी के हाथ पर क्यों पड़ा ? व्यक्ति - अच्छा हनुमान जी बड़े, शराबी - हनुमान जी बड़े तो राम जी चरणों में क्यों पड़े ? व्यक्ति - अच्छा राम जी बड़े, शराबी - राम जी बड़े तो सीता जी के पीछे क्यों पड़े ? व्यक्ति - अच्छा तो सीता जी बड़ी, शराबी - सीता जी बड़ी तो अशोक वाटिका में क्यों पड़ी ? व्यक्ति - अरे भाई आप ही बताइए कौन बड़ा ? शराबी- वही बड़ा जो पी के परा ..............................................................
Tuesday, March 30, 2010
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wah wah bhai kya bat hai
ReplyDeleteblog ki duniya me apka swagat hai.
ReplyDeletebhai aap hi bade...jo pi ke nali me pade...
ReplyDeleteha ha ha ha/........
maja aa gaya ...tarkikon ko ittna chilva do ki vo khud hi kah baithe ki aap hi bade....
Ha, ha...swagat hai!
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें