Dil Churane Mai Aa Gaya

It's me

Thursday, April 29, 2010

खुद अपनी निगरानी कर
मत सांसे बेमानी कर
दे हर दिन उन्वान नया
या फिर ख़त्म कहानी कर
जी ले ठाठ फकीरी के
यु खुद को लासानी कर
रच कोई सन्सार नया
हर तहरीर पुराणी कर
खुदगर्जो की खातिर अब
मत कोई क़ुरबानी कर
तन से मन का भेद मिटा
रिश्ता चन्दन पानी कर

"आचार्य सारथी रूपी "

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