Dil Churane Mai Aa Gaya

It's me

Sunday, May 2, 2010

करवे प्रवचन

आप भले ही गाली का जवाब थप्पर से दें, थप्पर का जवाब लात से दें, और लात का जवाब एके ४७ से दे।
कोई बात नहीं आपकी मर्जी लेकिन आपकी इस मर्जी के साथ मेरी भी एक अर्जी है की आप क्रोध और गाली का जवाब तुरंत न दे, थोरा विलंब करे बस १० मिनट का सब्र रखे क्रोध और गाली का ज़वाब १० मिनट बाद दे।
इस १० मिनट में क्रोध के कारणों और परिणामों पर विचार कर ले , फिर अगर उचित लगे तो जवाब दे और सच्ची तो यह है की १० मिनट बाद आप क्रोध का जवाब क्रोध से ही दे, हो ही नहीं सकता क्योंकि क्रोध तो तात्कालिक पागलपन है।

प्रार्थना
अपनी दुर्बलता का मुझ को अभिमान रहे, अपनी सीमाओं का नित मुझको ध्यान रहे
हर क्षण यह जान सकूँ क्या मुझको खोना है
कितना सुख पाना है कितना दुःख रोना है
अपने सुख-दुःख की प्रभु इतनी पचाहन रहे
अपनी दुर्बलता का मुझको अभिमान रहे
कुछ इतना बरा न हो, जो मुझसे खरा न हो कंधो पर हो, जो हो, नीचे कुछ परा न हो
अपने सपनो का प्रभु बस इतना ध्यान रहे
अपनी दुर्बलता का मुझको अभिमान रहे, अपनी सीमाओं का नित मुझको ध्यान रहे

Saturday, May 1, 2010

हर रोज़ कुछ भी ऐसा करे जो कोई और न कर रहा हो हमेशा ही अनाम भीर का हिस्सा बनाना दिमाग के लिए अच्छा नहीं है ----- क्रिस्टोफर मोरले हिंदुस्तान १ मे

तुम लाख बार सोचो,लेकिन सोच-सोचकर काम नहीं होता
काम करने से पुरे होते है अब सोचो की मै कितनी देर ध्यान लगाऊ की भागवान मिले अरे,भागवान मिलने का हिशाब तुम भागवान पर छोर दो,तुन अपना काम करो ------ आनान्दमुर्ती गुरु माँ

Thursday, April 29, 2010

खुद अपनी निगरानी कर
मत सांसे बेमानी कर
दे हर दिन उन्वान नया
या फिर ख़त्म कहानी कर
जी ले ठाठ फकीरी के
यु खुद को लासानी कर
रच कोई सन्सार नया
हर तहरीर पुराणी कर
खुदगर्जो की खातिर अब
मत कोई क़ुरबानी कर
तन से मन का भेद मिटा
रिश्ता चन्दन पानी कर

"आचार्य सारथी रूपी "

Sunday, April 25, 2010


प्रदुषण से हम सब परेशां है और हमारी संस्कृति समाप्त होती जा रही है जैसा की कहा गया है की संस्कृति आदान प्रदान से बढती है जबकि कुपमंदुक की तरह जीनेवाले समाज की संस्कृति सीमित और संकीर्ण होती है अतः आदान प्रदान से ही संस्कृति का महत्व बढ़ता है हम स्वर्ग की बात क्या करे ? हम व्रिक्षारोपन करके यहाँ ही स्वर्ग क्यूँ न बनाये ? महान सम्राट अशोक ने कहा---' रास्ते पर मैंने वट-वृक्ष रोप दिए हैं जिससे मानव तथा पशुओं को छाया मिल सकती है आज प्रभुत्व संपन्न भारत ने इस राज महर्षि के राजचिन्ह ले लिए हैं २३ सौ वर्ष पूर्व उन्होंने देश में ऐसी एकता स्थापित की थी जो सराहनीय है परन्तु क्या आज हम सिर्फ उनके राजचिन्ह लेना ही अपना फर्ज मानते हैं अगर आप इस दिशा में लाखो करोरो के समक्ष अपनी राय रखेंगे तो हम इस सन्देश को सुनकर निश्चय ही ऐसे प्रबंध करेंगे जिससे भारत के सभी प्रजाजन कह सके की हमने जो रास्ते पर वृक्ष लगाये थे, वे मानवों और पशुओं को छाया देते है राष्ट्रिय जाग्रति तभी ताकत पति है, तभी कारगर होती है, तब उसके पीछे संस्कृति की जाग्रति हो और यह तो आप जानते ही हैं की किसी भी संस्कृति की जान उसके साहित्य में, यानि उसकी भाषा में है इसी बात को हम यों कह सकते हैं की बिना संस्कृति के राष्ट्र नहीं और बिना भाषा के संस्कृति नहीं,

जय हिंद , जय भारत
अवधेश झा

Friday, April 16, 2010

Doctor: Ab aapki tabiyat kaisi hai ?Patient: Doctor saheb॥ Pahle se jyada kharab ho gayi hai।Doctor: dawai khali thi kya ?Patient : Nahi doctor saheb. Dawai ki shishi to bhari hui thi.Doctor: Arey... mere kahne ka matlab hai ki, dawai le li thi kya.Patient: Ji, aapne dawai de di thi aur Maine le li thi.Doctor: Abe, dawai pili thi kya ?Patient: Oho, nahi doctor saheb dawai to laal thi.Doctor: Abe GADHE, Dawai KO piliya tha kya ?Patient : Nahi. Doctor, Piliya to mujhe tha.Doctor: Abe Teri to, Dawai KO muh lagakar Pet me dala tha k nahi ?Patient: Nahi doctor saheb.Doctor: Kyon ?Patient: Kyonki dhakkan band tha.Doctor: Teri to sale, to Khola kyon nahi.Patient: Saheb, aapne hi to kaha tha ki, shishi ka dhakkan band rakhna.Doctor: Tera ilaaz main nahi kar sakta !Patient: Accha Doctor saheb ye to bata do ki main thik kaise houngaDoctor : Abe teri ....

रात हुआ है तो दिन भी होगी, हो मत उदास कभी तो बात भी होगी, इतने प्यार से दोस्ती की है खुदा की कसम जिंदगी रही तो मुलाकात भी होगी। कोशिश कीजिए हमें याद करने की लम्हे तो अपने आप ही मिल जायेंगे तमन्ना कीजिए हमें मिलने की बहाने तो अपने आप ही मिल जायेंगे । महक दोस्ती की इश्क से कम नहीं होती इश्क से ज़िन्दगी ख़तम नहीं होती अगर साथ हो ज़िन्दगी में अच्छे दोस्त का तो ज़िन्दगी जन्नत से कम नहीं होती सितारों के बीच से चुराया है आपको दिल से अपना दोस्त बनाया है आपको इस दिल का ख्याल रखना क्योंकि इस दिल के कोने में बसाया है।आपको अपनी ज़िन्दगी में मुझे शरिख समझना कोई गम आये तो करीब समझना दे, देंगे मुस्कराहट आंसुओं के बदले मगर हजारों दोस्तो में अज़ीज़ समझना ॥ हर दुआ काबुल नहीं होती , हर आरजू पूरी नहीं होती , जिन्हें आप जैसे दोस्त का साथ मिले , उनके लिए धड़कने भी जरुरी नहीं होती दिन हुआ है तो रात भी होगी, हो मत उदास कभी तो बात भी होगी, इतने प्यार से दोस्ती की है खुदा की कसम जिंदगी रही तो मुलाकात भी होगी। कोशिश कीजिए हमें याद करने की लम्हे तो अपने आप ही मिल जायेंगे तमन्ना कीजिए हमें मिलने की बहाने तो अपने आप ही मिल जायेंगे> -----------------------------------------

Saturday, April 10, 2010


सफ़र बस यंही तक, चलो कुछ और करते हैं..यंहा सब हंस रहे हैं, हम कुछ और करते हैं...जंहा गमगिनियाँ हों, जंहा ना कोई हँस रहा हो..जंहा तनहाइयाँ हों, जंहा खामोशियाँ हों...जंहा बस आशिकी हो, जंहा बस दोस्ती हो...जंहा बेचैनियाँ हों, जंहा बस.................ये पानी याद करके, ये रिश्तों को समझ केकभी खामोश रहकर, कभी फिर मुस्कुरा के...वो बातें याद करके ये बातें भूल कर के...ये पानी याद करके, ये रिश्तों को समझ के...चलो एक घर बनाये, जंहा कुछ और भी होजंहा जब कोई रोये, उसे मालूम ना हो,जंहा जब कोई आये, तो ग़म को भूल जाये...जंहा खामोशियाँ हो, जंहा थोड़ी ख़ुशी हो....जंहा बस ज़िन्दगी हो....जंहा बस ज़िन्दगी हो..

Wednesday, March 31, 2010


मत इंतज़ार कराओ हमे इतना की वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये
क्या पता कल तुम लौटकर आओ और हम खामोश हो जाएँ
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ आप जैसो से है वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है
दिल से खेलना हमे आता नहीं इसलिए इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें इसलिए मुझे जिंदा ही मार गए
मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो, जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।
लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है, कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते, और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।
भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है, हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है, पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!
मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती, उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,
दोस्त को रोज याद करना पड़ता है, क्योकि दोस्त कहना ही दोस्ती नहीं होती

Tuesday, March 30, 2010


शराबी - मैं बड़ा, व्यक्ति - भाई साहब आप कैसे बड़े ? आपसे बड़ा तो भगवान् है, शराबी - भगवान् बड़ा तो मंदिर में क्यों पड़ा ? व्यक्ति - अच्छा मंदिर बड़ा, शराबी - मंदिर बड़ा तो धरती पे क्यों पड़ा ? व्यक्ति - अच्छा धरती बड़ी, शराबी - धरती बड़ी तो शेषनाग क फन पर क्यों पड़ी ? व्यक्ति - अच्छा शेषनाग बड़े शराबी - शेषनाग बड़े तो शिवजी के गले में क्यों पड़े ? व्यक्ति - अच्छा शिवजी बड़े, शराबी -अच्छा शिवजी बड़े तो पर्वत पर क्यों पड़े? व्यक्ति - अच्छा पर्वत बड़ा, शराबी - पर्वत बड़ा तो हनुमान जी के हाथ पर क्यों पड़ा ? व्यक्ति - अच्छा हनुमान जी बड़े, शराबी - हनुमान जी बड़े तो राम जी चरणों में क्यों पड़े ? व्यक्ति - अच्छा राम जी बड़े, शराबी - राम जी बड़े तो सीता जी के पीछे क्यों पड़े ? व्यक्ति - अच्छा तो सीता जी बड़ी, शराबी - सीता जी बड़ी तो अशोक वाटिका में क्यों पड़ी ? व्यक्ति - अरे भाई आप ही बताइए कौन बड़ा ? शराबी- वही बड़ा जो पी के परा ..............................................................

एक अंधी लडकी थी । उसे उसके एक दोस्त के अलावा सबने ठुकरा दिया था । पर वो दोस्त उससे बहुत प्यार करता था ।लडकी रोज़ उससे ये कहती कि अगर वो उसे देख पाती तो उसी से शादी करती ।एक दिन किसी ने उस लडकी को अपने आंखे दे दीं । जब वो देख सकने लगी तो उसने देखा की उसका वह दोस्त अंधा था !!!!!!!दोस्त ने उससे पूछा की क्या अब वो उससे शादी करेगी ?????लडकी ने साफ़ इनकार कर दिया ।इस पर उसका दोस्त मुस्कुराया और चुप चाप उसे एक कागज़ देकर चला गया ।उसपर लिखा था -"मेरी आखों का ख्याल रखना"..... same to you friends take care............
Special Friend means
S= So Cool
P= Personable
E= Exciting
C= Cheers me up
I= Intelligent
A= Adorable
L= Loving
F= Funny
R= Reliable
I= Incredible humourous E= Enjoyable. N= Nice D= Dependable S= Simple IT'S......................

अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....सबको प्यार देने की आदत है हमें,अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,कितना भी गहरा जख्म दे कोई,उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन"जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,आँख से देखोगे तो खुश पाओगे,दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,,,"अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं"..

हमें तो अपनों ने लूटा,गैरों में कहाँ दम था.मेरी हड्डी वहाँ टूटी,जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला,उसका पेट्रोल ख़त्म था.मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया,क्योंकि उसका किराया कम था.मुझे डॉक्टरों ने उठाया,नर्सों में कहाँ दम था.मुझे जिस बेड पर लेटाया,उसके नीचे बम था.मुझे तो बम से उड़ाया,गोली में कहाँ दम था.और मुझे सड़क में दफनाया,क्योंकि कब्रिस्तान में फंक्शन थानैनो मे बसे है ज़रा याद रखना,अगर काम पड़े तो याद करना,मुझे तो आदत है आपको याद करने की,अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.......ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते हैकभी दूर तो कभी क़रीब होते हैदर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते हैऔर दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है .......एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर happy frdship week,,,,enjoy and feel the frdship

Sunday, March 28, 2010

मैं न जानू की कौन हूँ मैं,लोग कहते है सबसे जुदा हूँ मैं,मैने तो प्यार सबसे किया,पर न जाने कितनो ने धोखा दिया।चलते चलते कितने ही अच्छे मिले,जिनने बहुत प्यार दिया,पर कुछ लोग समझ ना सके,फिर भी मैने सबसे प्यार किया।दोस्तो के खुशी से ही खुशी है,तेरे गम से हम दुखी है,तुम हंसो तो खुश हो जाऊंगा,तेरे आँखो मे आँसु हो तो मनाऊंगा।मेरे सपने बहुत बढे़ है,पर अकेले है हम, अकेले है,फिर भी चलता रहऊंगा,मजिंल को पाकर रहऊंगा।ये दुनिया बदल जाये पर कितनी भी,पर मै न बदलऊंगा,जो बदल गये वो दोस्त थे मेरे,पर कोई ना पास है मेरे।प्यार होता तो क्या बात होती,कोई तो होगी कहीं न कहीं,शायद तुम से अच्छी या,कोई नहीं नही इस दुनिया मे तुम्हारे जैसी।आसमान को देखा है मैने, मुझे जाना वहाँ है,जमीन पर चलना नही, मुझे जाना वहाँ है,पता है गिरकर टुट जाऊंगा, फिर उठने का विश्वास हैमै अलग बनकर दिखालाऊंगा।पता नही ये रास्ते ले जाये कहाँ,न जाने खत्म हो जाये, किस पल कहाँ,फिर भी तुम सब के दिलो मे जिंदा रहऊंगा,यादो मे सब की, याद आता रहऊंगा।